भारत में PUBG को बैन क्यों किया गया?


भारत में मोबाइल गेमिंग का चलन पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है। इसी कड़ी में PUBG (PlayerUnknown’s Battlegrounds) ने युवाओं के बीच एक जबरदस्त लोकप्रियता हासिल की। लेकिन सितंबर 2020 में जब भारत सरकार ने इस गेम पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की, तो यह फैसला एक बड़ी बहस और उत्सुकता का विषय बन गया। आखिर क्यों एक ऐसा गेम, जो लाखों भारतीयों की पसंद बन चुका था, अचानक बैन कर दिया गया? इस लेख में हम विस्तार से इस पूरे मामले को समझेंगे – PUBG की लोकप्रियता, सरकार के फैसले के पीछे की वजहें, लोगों की प्रतिक्रिया, और आगे क्या हुआ।


PUBG क्या है?

PUBG, जिसका पूरा नाम है PlayerUnknown’s Battlegrounds, एक ऑनलाइन मल्टीप्लेयर बैटल रॉयल गेम है, जिसे दक्षिण कोरियाई कंपनी Bluehole की सब्सिडियरी PUBG Corporation ने विकसित किया। 2018 में Tencent Games ने इस गेम को मोबाइल प्लेटफ़ॉर्म पर लॉन्च किया और यह तुरंत ही युवाओं के बीच लोकप्रिय हो गया।


गेम का उद्देश्य होता है – एक आइलैंड पर 100 खिलाड़ियों को पैराशूट से उतारा जाता है और सभी को संसाधनों और हथियारों की तलाश कर एक-दूसरे से लड़ना होता है जब तक कि अंत में केवल एक या एक टीम बचती है।




भारत में PUBG की लोकप्रियता

भारत में PUBG Mobile ने मोबाइल गेमिंग इंडस्ट्री में क्रांति ला दी थी। इसने कॉलेज स्टूडेंट्स से लेकर युवा प्रोफेशनल्स तक सभी को अपनी ओर आकर्षित किया।


भारत में PUBG Mobile के 30 करोड़ से अधिक डाउनलोड थे।


औसतन 3 से 4 करोड़ मासिक सक्रिय उपयोगकर्ता।


यूट्यूब पर सैकड़ों भारतीय गेमर्स ने PUBG की लाइव स्ट्रीमिंग कर अपनी आजीविका बनाई।


बैन की घोषणा: कब और कैसे?


2 सितंबर 2020 को भारत सरकार ने 59 चीनी ऐप्स के साथ-साथ PUBG Mobile और PUBG Mobile Lite को भी प्रतिबंधित कर दिया। सरकार ने IT एक्ट की धारा 69A के तहत यह कदम उठाया। यह वही कानून है जिसके अंतर्गत भारत में पहले भी TikTok जैसे ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया गया था।


PUBG पर बैन क्यों लगाया गया?


1. राष्ट्रीय सुरक्षा और डेटा प्राइवेसी का मुद्दा

भारत सरकार ने आधिकारिक बयान में कहा कि PUBG और अन्य चीनी ऐप्स भारतीय नागरिकों की डेटा सुरक्षा और गोपनीयता (privacy) के लिए खतरा हैं। इन ऐप्स पर आरोप था कि वे यूज़र्स का डेटा चीन के सर्वर पर भेजते हैं, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है।


2. भारत-चीन सीमा तनाव (गैलवान घाटी संघर्ष)

2020 में भारत और चीन के बीच लद्दाख की गैलवान घाटी में तनाव अपने चरम पर था, जिसमें भारतीय सैनिकों की मौत हुई थी। इसके बाद से भारत में चीन विरोधी भावना तेज़ हो गई थी। सरकार ने इसके जवाब में चीनी कंपनियों पर दबाव बनाने के लिए डिजिटल क्षेत्र में प्रतिबंध लगाए।


3. मनोवैज्ञानिक और सामाजिक प्रभाव

PUBG को लेकर कई अभिभावकों और शिक्षकों की शिकायतें आई थीं कि यह गेम युवाओं को आक्रामक, असामाजिक और लतग्रस्त (addicted) बना रहा है। इसके चलते कई राज्यों में इसे मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया गया।


4. बाल अपराध और हिंसा

कुछ रिपोर्ट्स में यह भी सामने आया कि PUBG खेलने वाले किशोरों में आपराधिक प्रवृत्तियाँ बढ़ रही थीं। कई बार तो बच्चों ने माता-पिता से पैसे चुराए, या हिंसक व्यवहार दिखाया।


PUBG बैन के बाद की प्रतिक्रिया


1. युवाओं का विरोध

PUBG की लोकप्रियता इतनी अधिक थी कि उसके प्रतिबंध के बाद सोशल मीडिया पर भारी प्रतिक्रिया देखने को मिली। ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर #BringBackPUBG ट्रेंड करने लगा।


2. गेमिंग कम्युनिटी को झटका

भारत के कई यूट्यूब गेमर्स और प्रोफेशनल PUBG खिलाड़ियों को आर्थिक झटका लगा। कई स्ट्रीमर्स की आय का मुख्य स्रोत PUBG Mobile था।


3. एलीट और BGMI की एंट्री

PUBG के बैन के बाद भारत में अन्य गेम्स जैसे Call of Duty Mobile, Garena Free Fire और Fortnite को लोकप्रियता मिली। इसके अलावा PUBG Corporation ने भारतीय बाजार को देखते हुए "Battlegrounds Mobile India (BGMI)" नामक एक नया वर्जन भारतीय यूज़र्स के लिए लॉन्च किया, जो चीनी कंपनी Tencent से अलग था।


क्या PUBG पर प्रतिबंध न्यायसंगत था?


यह एक जटिल सवाल है। सरकार ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और डेटा प्राइवेसी के दृष्टिकोण से उचित ठहराया, जो कि एक वैध कारण है। लेकिन दूसरी ओर, लाखों भारतीयों की रोज़गार और मनोरंजन के साधन पर इसका असर पड़ा।


सकारात्मक पहलू: डेटा की सुरक्षा, चीनी ऐप्स पर निर्भरता कम करना, युवाओं में गेमिंग की लत से बचाव।


नकारात्मक पहलू: युवाओं में निराशा, डिजिटल स्ट्रीमिंग इंडस्ट्री को झटका, एक गेम के जरिए आजीविका चला रहे लोगों की परेशानियाँ।



PUBG ने कैसे की वापसी? – Battlegrounds Mobile India


PUBG Corporation ने भारत में वापसी के लिए एक नई रणनीति बनाई। उन्होंने चीनी कंपनी Tencent से दूरी बना ली और गेम को भारतीय संदर्भ में ढालकर Battlegrounds Mobile India (BGMI) के नाम से पेश किया।


नया डेटा सर्वर भारत और सिंगापुर में रखा गया।

माता-पिता की अनुमति और खेलने के समय की सीमा तय की गई।

खून का रंग हरा कर दिया गया ताकि हिंसा कम प्रतीत हो।

BGMI को भारत में 2021 में लॉन्च किया गया और यह फिर से लोकप्रिय होने लगा, हालांकि कुछ समय बाद इसे भी अस्थायी रूप से Google Play Store से हटाया गया था लेकिन फिर से वापसी की।


PUBG बैन से क्या सीखा जा सकता है?


1. डेटा सुरक्षा का मुद्दा अब सिर्फ नीति निर्माताओं का नहीं बल्कि आम लोगों की चिंता का विषय बन गया है।


2. डिजिटल आत्मनिर्भरता (Digital Atmanirbharta) का महत्व बढ़ा है।


3. गेमिंग इंडस्ट्री को अब यह समझना होगा कि कंटेंट के साथ-साथ उनकी तकनीकी संरचना भी पारदर्शी और सुरक्षित होनी चाहिए।


4. युवाओं में गेमिंग लत और उसकी रोकथाम पर अभिभावकों और शिक्षकों को जागरूक किया जाना चाहिए।


निष्कर्ष

PUBG का भारत में बैन केवल एक गेम पर रोक नहीं था, बल्कि यह भारत की डिजिटल नीति, राष्ट्रीय सुरक्षा, और युवाओं के सामाजिक-मानसिक स्वास्थ्य के बीच संतुलन साधने की कोशिश थी। यह घटना यह भी दर्शाती है कि आज के दौर में डिजिटल उपकरण और ऐप्स कितने प्रभावशाली हो चुके हैं, और उनके उपयोग को लेकर कितनी सतर्कता की आवश्यकता है।


PUBG की वापसी BGMI के रूप में यह भी बताती है कि कंपनियाँ स्थानीय नियमों का पालन कर नए बाजारों में फिर से प्रवेश कर सकती हैं। भविष्य में भी भारत जैसे देशों में डेटा प्राइवेसी और राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता दी जाएगी।


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